Section 80P Notice: क्या है ये सेक्शन, जिसके तहत नोटिस पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देनी पड़ी सफाई?
Section 80P Notice: कई टैक्सपेयर्स को सेक्शन 80P के तहत गलत तरीके से टैक्स डिडक्शन क्लेम करने को लेकर ये नोटिस भेजे गए थे, जिसपर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सफाई दी है.
Section 80P Notice: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हाल ही में कई टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन- 80P के तहत टैक्स नोटिस भेजा था, जिसपर रिपोर्ट्स आ रही थीं कि ये नोटिस गलती से भेजे गए हैं. अब टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से इसपर सफाई भी आ गई है. जानिए क्या है पूरा मामला, और क्या है ये सेक्शन, जानिए.
क्या है पूरा मामला?
कई टैक्सपेयर्स को सेक्शन 80P के तहत गलत तरीके से टैक्स डिडक्शन क्लेम करने को लेकर ये नोटिस भेजे गए थे. टैक्सपेयर चार्टर्ड अकाउंटेंट नीरव चोकसी ने X पर इसे लेकर सवाल पूछा था. चोकसी ने 1 सितंबर को ट्वीट किया था कि "पार्टनरशिप फर्म में दोषपूर्ण रिटर्न गड़बड़ी आ रही हैं. उल्लिखित धारा 80पी फर्मों पर लागू नहीं है." जवाब में आयकर विभाग ने कहा: "आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 143(1) के तहत सूचना, त्रुटि विवरण के साथ 'अनुसूची 80पी में धारा 80पी(2)(ई) के तहत कटौती का दावा किराये की आय के अलावा आय पर नहीं किया जा सकता" अनजाने में भेजा गया है. इस संबंध में एक ईमेल कम्यूनिकेशन जल्द ही आपको भेजा जाएगा. हुई असुविधा के लिए खेद है."
Dear @niravana2010,
— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) September 2, 2023
Intimation u/s 143(1) of Income-tax Act, 1961 with the error description: “In Schedule 80P, deduction u/s 80P(2)(e) cannot be claimed on income other than rental income” has been inadvertently sent.
An email communication regarding this will be sent to you…
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टैक्स नोटिस में क्या था?
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पिछले हफ्ते सैकड़ों टैक्सपेयर्स ने ये नोटिस भेजे जाने के बाद अपने टैक्स कंसल्टेंट से संपर्क किया था, जो उन्हें तब भी भेजे गए थे, जब उन्होंने अपने रिटर्न को ई-वेरिफाई (ITR e-verification) किया था और इसकी समय सीमा 31 अगस्त को समाप्त हो गई थी. ये नोटिस उन टैक्स डिडक्शन को क्लेम करने से जुड़े हैं, जिनके लिए वे पात्र भी नहीं हैं. यहां समस्या यह थी कि ये डिडक्शन व्यक्तियों के लिए नहीं, बल्कि सहकारी समितियों के लिए थीं. किसी टेक्निकल ग्लिच के चलते ये नोटिस टैक्सपेयर्स के पास चला गया.
डिपार्टमेंट का कहना है कि वो गलती को सुधार रहा है और जिनके पास गलती से नोटिस गया है, उन्हें कोई पेनाल्टी नहीं देनी होगी. साथ ही जिन टैक्सपेयर्स ने इस नोटिस के आधार पर टैक्स जमा करा दिया है, उन्हें उनका पैसा भी रिफंड किया जाएगा.
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Section 80P है क्या?
इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के चैप्टर-4 के ‘C. – Deductions in respect of certain incomes’ के तहत टैक्सपेयर्स को अलग-अलग इनकम की श्रेणियों में डिडक्शन मिलता है. इसमें एक सेक्शन है- 80P. ये डिडक्शन को-ऑपरेटिव सोसाइटी यानी सहकारी समिति से हुई आय या प्रॉफिट को लेकर मिलता है. इंडिविजुअल, हिंदू अविभाजित परिवार, कंपनियों और फर्म्स इसके तहत डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. किसी भी सहकारी समिति की कुछ विशिष्ट गतिविधियों से असेसी को हुए असल प्रॉफिट पर डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है, जो लाभ है, उसे डिडक्शन के दायरे में तभी रखा जाता है, जब वो उस को-ऑपरेटिव सोसाइटी के ग्रोस टोटल इनकम में शामिल हो.
टैक्सपेयर्स ध्यान रखें ये बातें
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इन नोटिसेज़ को लेकर सफाई दे दी है, लेकिन टैक्सपेयर्स के लिए ये जानना जरूरी है कि इसके दायरे में नोटिस पाने वाले बस वही टैक्सपेयर्स हैं, जिन्होंने असेसमेंट ईयर 2023-24 में अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया है. जिन टैक्सपेयर्स ने दूसरे असेसमेंट ईयर्स के लिए रिटर्न फाइल करते हुए डिडक्शन क्लेम किया है, उनके लिए ये क्लैरिफिकेशन नहीं था. अगर किसी टैक्सपेयर को किसी नोटिस को लेकर कंफ्यूजन है तो वो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की हेल्पलाइन पर पता लगा सकता है.
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11:28 AM IST